Nov 25, 2009

कभी कभी दिल की बातें



कभी कभी दिल की बातें,
कभी हम समझें या ना समझें...
कभी कभी दिल की धड़कन,
कभी हमें चैन ना लेने देती ...
अनजाने थें हम...
अब हो गए हम...
दीवाने...

सपनों से भरी ये दुनिया...
हमें आज घेर लिया है
तीन शब्दों में छुपी सौ बातें...
हमारें दिल जीत लिये !

अखियाँ मिली और कहने लगी...
अनजाने थें हम...
अब हो गए हम...
दीवाने...

एहसासों में आये नये जीवन ने...
हमें आज आशा दी है!
बीतें लम्हों में पायी वो खुशियाँ
हमारें दिल सजा लिए!

अखियाँ मिली और कहने लगी...
अनजाने थें हम...
अब हो गए हम...
दीवाने...


*****
All rights reserved for the poem. Rahul Soman©

1 comment:

  1. बहुत अच्छा! लेकिन चरण पाद में "एहसासों में आये नये जीवन ने...
    हमें आज आशा दी है!"इन पंक्थियाम कविता से हटकर गध्य हो गया !

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